दादा की खटमीठिया

दादा का बजट कहीं अच्छा है तो कहीं बुरा है... लेकिन अगर कुल मिलाकर देखें तो दादा एक हाथ से दे रहे हैं... और दूसरे हाथ से वापस भी ले ले रहे हैं... ज़रा देखते हैं बजट के टॉप टेन पहलू...

नम्बर 1 महंगाई
बाज़ार में मंदी के साथ ही लोगों को महंगाई ने जकड़ लिया था... राहत के लिए लोगों की नज़र इस बार के बजट पर थी... लेकिन दादा का पिटारा खुला तो उसमें से महंगाई का नया जिन्न बाहर आ गया... एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ने से पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ गए... और रोज़ाना ज़रुरत की चीज़ों के दाम भी बढ़ने तय हैं...

नम्बर 2 आयकर
पिछले साल जुलाई में भी दादा की नज़रों में बड़े लोग ही थे... लेकिन जब वादों की बरसात की तो कुछ छींटे आम आदमी तक पहुंचे थे... लेकिन इस बार तो दादा ने कम सैलरीवालों की तरफ देखा तक नहीं...

नम्बर 3 किसान और कृषि
इस बजट को किसानों का बजट कहा जा सकता है... हालांकि किसानों को ज़्यादा कुछ मिला नहीं है... लेकिन बोझ भी नहीं डाला गया... हरित क्रांति के लिए 400 करोड़ रुपए... और खेती के क़र्ज़ पर सरकार की उदारवादी नीति फायदा पहुंचाएगी...

नम्बर 4 रोज़गार
रोज़गार को लेकर बजट बेहद प्रभावशाली दिखता है... एक तरफ जहां नरेगा के लिए बजट बढ़ाया गया है... वहीं छोटे शहरों और कस्बों तक बैंकिंग और बीमा की सुविधाएं पहुंचाने की पहल से रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे...
नम्बर 5 सुरक्षा
सुरक्षा के लिए बजट बढ़ाया है... लेकिन जैसा एनएसजी के विस्तार की अपेक्षा थी... उस पर कोई कदम नहीं उठाया... पुलिस रिफॉर्म पर भी वित्त मंत्री खामोश रहे... हालांकि नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए बजट में एकीकृत कार्य योजना तैयार करने का वादा किया गया है...

नम्बर 6 न्याय
कई साल पीछे चल रहे न्याय व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे हैं... और अदालतों में लम्बित मुकदमों के निपटारे में तेज़ी लाने के लिए सरकार ने 5000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है... जिसके तहत माना जा रहा है कि अदालतों में दो शिफ़्टों में काम को बांटा जाएगा

नम्बर 7 एकीकृत पहचान पत्र
एक देश एक पहचान पत्र के तर्ज पर देर से ही सही इस बजट में सरकार ने कुछ सोचा है... और भारतीय अनन्य पहचान प्राधिकरण का गठन करते हुए 1900 करोड़ रुपए का आवंटन किया है...

नम्बर 8 भारतीय रुपए को पहचान
वित्त मंत्री ने भारतीय रुपए को पहचान देने की अनुशंसा की है... लेकिन इसको लेकर सरकार की योजना क्या है... और इस पर कितना पैसा खर्च होगा, बजट में इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया...

नम्बर 9 निवेश
विदेशी निवेश को लेकर सरकार और उदार हुई है... एफडीआई व्यवस्था को सरल बनाना ज़्यादा से ज़्यादा निवेश के अवसर देगा... और इसका सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था और असंगठित और संगठित क्षेत्र में रोज़गार पर पड़ेगा... नए कानून... कम्पनी विधेयक 2009 का भी लाभ मिलेगा...

नम्बर 10 बुनियादी ढांचा
इन्फ्रास्ट्रकचर को लेकर सरकार ने बजटीय रकम बढ़ाई है... इसके अलावा सड़क परिवहन के लिए बजट आवंटन में 13 प्रतिशत की वृद्धि की गई है... और रोज़ 20 किलोमीटर हाई वे बनाने का वादा भी किया है...

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